"सरमें सौदा भी नहीं, दिल में तमन्ना भी नहीं
लेकीन इस तर्के मुहब्बत का भरोसा भी नहीं
मुद्दते गुज़री तेरी याद भी न आई हमें
और हम भूल गए हो तुझे ऐसा भी नहीं ...."
" मै तुझे भूलने की कोशिश में
आज कितने करीब पाता हूँ
कौन ये फासिला निभाएगा
मै फ़रिश्ता हूँ सच बताता हूँ "
"जान दी , दी हुई उसकी थी
हक़ तो यह है की हक़ अदा न हुआ "
" यारों किसी कातिल से कभी प्यार न मांगो,
अपने ही गले के लिए तलवार न मांगो "
"मरीजे मोहब्बत उन्हीका फ़साना
सुनाता रहा दम निकलते निकलते
मगर जिक्र शाम आलम जब की आया
चरागे सहर बुझ गया जलते जलते ...."
" एक बस तूही नहीं मुझसे खफा हो बैठा ,
जो संग मैंने तराशा था वो खुदा हो बैठा "
" पड़ते है सूरते नक्शे कदम
न छेडो हमें;
हम और भी मिल जायेंगे
खांक में उठा लेने से । "
" जाते है शाख शाख को
देते हुए दुवां
आंधी से बच गए तो
इसी रुत में आएँगे । "
"तड़पते हुए दिल की सदा
कोई सुने या ना सुने,
अपना तो काम है की
बस पुकारते रहे ।"
"हजारों ख्वाईशें ऐसी की, हर ख्वाईश पे दम निकले,
बहुत निकले मेरे अरमांन लेकीन फ़िर भी कम निकले । "
" जिंदगी एक हादसा है, और कैसा हादसा
मौत से भी ख़त्म जिसका सिलसिला होता नहीं " ।
"बदनाम हुए शहर में जिसकी वजह से फरझ,
उस शख्स को कभी हमने जी भर के देखा तक नहीं । "
बहुत खूब.
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लिखते रहिये.
wow..bahut khoob..
ReplyDeletebhut sunder rachna
ReplyDeletekeep writting
gargi
www.feelings4ever.blogspot.com
उम्दा शेरो को चुन चुन कर लायें है आप........
ReplyDeleteशुक्रिया
Thanks Guys for all your wishes,
ReplyDeleteBy the way let me clear that, all of these Sher are not mine these are form very great writers, I am just posting it over here....
hey sach me bhut acha ha
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