Saturday, March 28, 2009

प्यार

मै नही कर सकती तुमसे प्यार
मेरे तलबगार।
कह चुका है मेरा दिल तुमसे
यह जाने कई बार
रोक दे अपने ख़यालों को
मेरे करीब आने से,
क्या मिलेगा तुझे
इस तरह अपना दिल जलाने से ?
फिर भी अगर तू करना चाहता है मुझसे प्यार,
क्यों की बस नही तुम्हारा तुम पर
तो कुछ ऐसा कर मेरे दीवाने,
के फक्र हो मुझे ख़ुद पर

1 comment:

  1. mitra kay gajhal lihili aahes tu......
    jiv gheshil re.........badhiya mast
    majha e mail.....theater1@indiatimes.com

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